राशि परिवर्तन से बनने वाले योग

 वैसे तो #ज्योतिष में राशि परिवर्तन को बहुत ही #शुभ माना गया है, इससे ६६ योग बनते है, जिसमे से २८ योग #महा_योग जो #शुभ_फल प्रदान करनेवाले, और ३० #दैन्य_योग, ८ #खल_योग #अशुभ_फल देने वाले होते है।

A) महा योग (२८ योग)
१) #लग्नेश का २,४,५,७,९,१०,११ के भावेश के साथ होने वाले राशि परिवर्तन। (७ योग)
२) #धनेश का ४,५,७,९,१०,११ के भावेशों के साथ राशि परिवर्तन। (६ योग)
३) #सुखेश का ५,७,९,१०,११ के भावेशों के साथ राशि परिवर्तन। (५ योग)
४) #पंचमेश का ७,९,१०,११ के भावेशों के साथ राशि परिवर्तन। (४ योग)
५) #सप्तमेश का ९,१०,११ के भावेशों के साथ राशि परिवर्तन। (३ योग)
६) #भाग्येश का १०, ११ के भावेश के साथ राशि परिवर्तन। (२ योग)
७) #दशमेश का लाभेश के साथ राशि परिवर्तन
यह २८ योग महा योग कहलाते है जो व्यक्ति इस महायोग में जन्म लेता है उसपर #माँ_लक्ष्मी की कृपा रहती है। यह जातक नोकर-चाकर, सुंदर वस्त्र आभूषण धारण करनेवाला, राज सन्मान प्राप्त करनेवाला और उच्च पदवी पर कार्यरत और सभी प्रकार के सुख पाने वाला होता है।
B) दैन्य योग (३० योग)
६,८,१२ भावो के स्वामी का अन्य भावो से होने वाले राशि परिवर्तन जो कुल ३० प्रकार से बनते है।
जो व्यक्ति इस दैन्य योग में जन्म लेता है वह मूर्ख होता है और दूसरों की निंदा करने वाला, दुष्ट कर्म करने वाला, सदा शत्रुओ से पीड़ित, क्रूर वचनी और जिस कार्य का प्रारम्भ करे उसमे विध्न बाधा पाने वाला होता है। (इसमे अन्य योग का भी विचार करके फल का निर्णय करना चाहिये)
C) खल योग (८ योग)
यह योग तृतीयेश का लग्नेश, धनेश, चतुर्थेश, पंचमेश, सप्तमेश, भाग्येश, दशमेश और एकादशेश से राशि परिवर्तन से होता है।
यह आठ योग दुष्ट प्रभाव वाले होने कारण इसे खल योग कहते है। इस खल योग में जन्म लेने वाला जातक कभी सत्य के मार्ग पर चलने वाला तो कभी अनीति के मार्ग पर चलनेवाला, कभी पूर्ण सौभाग्यशाली तो कभी पूर्ण दारिद्र्य और दुःख भोगनेवाला, यानी कि जीवन मे कभी शुभ प्रभाव तो कभी अशुभ प्रभाव पाने वाला होता है, इसका शुभ प्रभाव कम और अशुभ प्रभाव अधिक होने के कारण इसे खल योग कहा गया है।
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Astrologer Vipul Mistry



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